भारत ने आखिर क्‍यों किया था एशिया कप को बॉयकॉट? Source: Social Media
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Asia Cup को 1986 में भारत ने क्यों किया था Boycott? यह है बड़ी वजह

भारत ने आखिर क्‍यों किया था एशिया कप को बॉयकॉट?

Juhi Singh

एशिया कप हमेशा से भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए खास टूर्नामेंट रहा है। भारत न सिर्फ इस टूर्नामेंट का पहला विजेता रहा, बल्कि सबसे ज़्यादा बार खिताब जीतने का रिकॉर्ड भी उसी के नाम है। हालांकि, इस टूर्नामेंट के इतिहास में कई विवाद और उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले हैं। आज जहां एशिया कप का 17वां संस्करण यूएई में खेला जा रहा है, वहीं भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर विरोध और बॉयकॉट की मांग जोर पकड़ रही है। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब भारत और एशिया कप को लेकर विवाद सामने आया हो। एशिया कप का पहला संस्करण 1984 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेला गया था। इसमें केवल तीन टीमें – भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हुई थीं। फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को मात देकर एशिया कप ट्रॉफी अपने नाम की। यह जीत भारत के लिए खास थी क्योंकि इसी से एशिया कप की कहानी की शुरुआत हुई।

दूसरा एशिया कप 1986 में श्रीलंका में खेला जाना था। उस समय श्रीलंका में गृह युद्ध और अशांति का माहौल था। सुरक्षा कारणों से भारत सरकार ने बीसीसीआई को टीम को श्रीलंका न भेजने का आदेश दिया। परिणामस्वरूप भारत ने पूरे टूर्नामेंट का बॉयकॉट कर दिया। भारत की जगह बांग्लादेश को शामिल किया गया। दिलचस्प बात यह है कि बांग्लादेश ने इसी टूर्नामेंट से अपना वनडे डेब्यू किया। हालांकि, उनके दोनों मैच आसान रहे और वे हार गए। श्रीलंका ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर पहली बार एशिया कप जीता।

1988 के एशिया कप में बांग्लादेश मेजबान बना और भारत ने टूर्नामेंट में वापसी की। इस बार भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में श्रीलंका को हराया और दूसरी बार एशिया कप पर कब्ज़ा जमाया। 1990 में भारत ने पहली बार टूर्नामेंट की मेजबानी की। हालांकि इस बार पाकिस्तान ने बॉयकॉट किया, लेकिन भारत ने श्रीलंका को हराकर तीसरी बार खिताब अपने नाम किया। 1993 का एशिया कप राजनीतिक तनाव के कारण रद्द कर दिया गया। इसके बाद 1995 में टूर्नामेंट की वापसी हुई, जिसमें भारत ने एक बार फिर श्रीलंका को हराकर अपना दबदबा कायम रखा। आज 39 साल बाद एक बार फिर एशिया कप विवादों में है। दुबई में होने वाले भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर सोशल मीडिया पर बॉयकॉट की मांग उठ रही है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर की लड़ाई के बाद से भारतीय फैंस इस मैच के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं।