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कौन है Paris Olympics में भारत का सबसे उम्रदराज और युवा एथलीट ?

Ravi Kumar

Paris Olympics का आगाज 26 जुलाई से होने जा रहा है जिसका समापन 11 अगस्त को होगा। यह 33वां ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल होगा और तीसरी बार पेरिस इन खेलों की मेजबानी करेगा। खेल के महाकुंभ में 10,000 से अधिक एथलीट पदक के लिए दावेदारी पेश करेंगे, जिनमें भारत से 117 एथलीट हिस्सा लेंगे। इस बार ओलंपिक में ब्रेक डांसिंग, स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग और स्केटबोर्डिंग जैसे कुछ नए गेम शामिल किए गए हैं। पेरिस ओलंपिक से भारत को काफी उम्मीदें हैं। भारतीय खिलाड़ियों की नजर टोक्यो ओलंपिक से भी बेहतर प्रदर्शन करने पर है।

    HIGHLIGHTS

  • Paris Olympics का आगाज 26 जुलाई से होने जा रहा है
  • 11 अगस्त को होगा समापन
  • स्टार रोहन बोपन्ना पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय दल में सबसे उम्रदराज एथलीट हैं
  • बोपन्ना का यह ओलंपिक में तीसरा मौका होगा

भारत 117 सदस्यीय दल के साथ पेरिस ओलंपिक में भाग लेगा। भारत को ओलंपिक में सात का सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा पार करने की उम्मीद बहुत अधिक है, क्योंकि भारतीय दल ने पिछले तीन वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है। भारत के पास लगभग हर खेल में अनुभव और युवाओं का अच्छा मिश्रण है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि पेरिस ओलंपिक 2024 में सबसे उम्रदराज और युवा भारतीय एथलीट कौन हैं? 44 वर्षीय टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय दल में सबसे उम्रदराज एथलीट हैं। बोपन्ना का यह ओलंपिक में तीसरा मौका होगा जबकि 14 वर्षीय धीनिधि देसिंघु भारतीय दल में सबसे कम उम्र की एथलीट हैं। बेंगलुरु की 14 वर्षीय तैराक धिनिधि देसिंघु पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की सबसे युवा एथलीट के रूप में इतिहास रचने के लिए तैयार हैं। अगर ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों की बात करे तो, 11 साल और 11 महीने की उम्र में स्केटबोर्डर झेंग पेरिस खेलों में सबसे कम उम्र की प्रतियोगी होंगी। वह सबसे कम उम्र के ओलंपियन ग्रीक जिमनास्ट दिमित्रियोस लौंड्रास से एक साल बड़ी हैं, जिन्होंने 1896 में 10 साल और 218 दिन की उम्र में ओलंपिक में भाग लिया था। पेरिस में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी कनाडा की जिल इर्विंग होंगी जो घुड़सवारी टीम के सदस्य के रूप में 61 साल की उम्र में अपना ओलंपिक पदार्पण करेंगी। पेरिस ओलंपिक 2024 में सिर्फ 3 दिन बचे हैं और भारत के शीर्ष एथलीटों की अब अग्नि परीक्षा होगी। ओलंपिक के इतिहास में भारत के लिए पिछला यानी टोक्यो ओलंपिक सबसे यादगार रहा। भारतीय दल ने कुल सात मेडल जीते थे। मगर इस बार देश को कम से कम इस आंकड़े को दहाई अंक में बदलने की उम्मीद है। यदि ऐसा होता है, तो ओलंपिक इतिहास में पहली बार भारत दहाई के आंकड़े को छुएगा।