विराट कोहली  Image Source: Social Media
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'हम वेस्टइंडीज से हैं, इंडिया नहीं', विराट कोहली के टेस्ट बनाम IPL बयान पर बोले एंड्रे रसेल

कोहली के टेस्ट बनाम IPL बयान पर एंड्रे रसेल की राय

Nishant Poonia

IPL 2025 का फाइनल बेहद खास रहा, खासकर RCB और उनके फैन्स के लिए। टीम ने पहली बार IPL ट्रॉफी अपने नाम की, वो भी पंजाब किंग्स जैसी मजबूत टीम को हराकर। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले के बाद RCB कैंप में जश्न का माहौल था, लेकिन एक बयान ने इस खुशी के बीच बहस छेड़ दी।

विराट कोहली, जो RCB के साथ पहले सीज़न से जुड़े हुए हैं, ट्रॉफी जीतते ही बेहद इमोशनल हो गए। उनकी आंखों में आंसू थे, और उन्होंने माना कि ये उनके करियर के सबसे यादगार लम्हों में से एक है। मगर इसके बाद उन्होंने जो कहा, वो कई लोगों को थोड़ा चुभ गया।

कोहली ने कहा – “ये जीत मेरे लिए बहुत बड़ी है, लेकिन फिर भी टेस्ट क्रिकेट से पांच लेवल नीचे है। मुझे टेस्ट खेलना सबसे ज्यादा पसंद है।”

अब कोहली के इस बयान पर वेस्टइंडीज के स्टार ऑलराउंडर आंद्रे रसेल ने करारा जवाब दिया है। उनका मानना है कि कोहली जैसे खिलाड़ी इसलिए टेस्ट को इतना तवज्जो देते हैं क्योंकि वो भारत जैसे देश से आते हैं, जहां बोर्ड अपने टेस्ट खिलाड़ियों को खूब फायदा देता है।

एंड्रे रसेल

रसेल ने एक इंटरव्यू में कहा – “जब आप इंडिया, इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया से होते हो, तो आपको टेस्ट खेलने के लिए अच्छी तनख्वाह, कॉन्ट्रैक्ट और पहचान सब मिलती है। मगर वेस्टइंडीज में ऐसा नहीं होता। आप चाहे 100 टेस्ट खेल लो, रिटायरमेंट के बाद कुछ खास नहीं मिलता।”

रसेल खुद अब तक सिर्फ एक टेस्ट मैच खेल चुके हैं। उनका कहना है कि उन्हें तो सीधे टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था क्योंकि बोर्ड को लगता था कि वो सिर्फ लिमिटेड ओवर्स के लिए फिट हैं।

“मुझे एक तरह से बाहर कर ही दिया गया। उन्होंने मुझे व्हाइट-बॉल प्लेयर मान लिया और बात वहीं खत्म कर दी,” – रसेल ने आगे कहा।

रसेल ने अब तक 56 वनडे और 83 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। वो IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए 11 सीज़न खेल चुके हैं और अगले सीजन में भी टीम का हिस्सा रहेंगे।

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की राय बंटी हुई है। कुछ लोग कोहली का टेस्ट के लिए प्यार समझते हैं, तो कुछ को लगता है कि हर देश के हालात अलग होते हैं और सभी के लिए एक जैसा स्टैंडर्ड नहीं लगाया जा सकता।

अब देखना ये है कि क्या और खिलाड़ी भी इस बहस में अपनी राय रखते हैं या मामला यहीं थम जाता है। लेकिन इतना तय है – टेस्ट और T20 की इस तुलना में खिलाड़ी खुद बंटे हुए नज़र आ रहे हैं।