Sunil Gavaskar image Source: Social Media
Cricket

Shubman Gill को Ben Stokes से पूछना चाहिए ये सवाल बोले Gavaskar

why a decision to declare early wasn't taken by him?

Anjali Maikhuri

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टेस्ट का नतीजा चाहे ड्रॉ रहा हो, लेकिन मैच के आखिरी पलों ने क्रिकेट जगत में बहस जरूर छेड़ दी। जैसे ही इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भारत को ड्रॉ मानने का ऑफर दिया, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। उस वक्त भारत के दो बल्लेबाज – रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर – अपने शतक की ओर बढ़ रहे थे, और टीम के पास अपनी रणनीति थी। भारत ने ऑफर ठुकराया और खेल जारी रखा, जिससे मैच रोमांचक अंदाज़ में खत्म हुआ।

आखिर में जडेजा और सुंदर ने शानदार शतक पूरे किए, लेकिन स्टोक्स का इस तरह ड्रॉ ऑफर करने का तरीका और इंग्लैंड की सोच पर सवाल खड़े हो गए। स्टोक्स को लगा कि जब मैच का नतीजा तय हो चुका है, तो आगे खेल का कोई मतलब नहीं, लेकिन भारत ने ये साबित किया कि उनके लिए हर रन और हर मौका अहम है।

इस पूरे घटनाक्रम पर भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने अपनी बेबाक राय दी। उन्होंने टीम इंडिया के जज़्बे की जमकर तारीफ की और कहा कि उन्हें भारतीय खिलाड़ियों पर बहुत गर्व है। “सिर्फ चार विकेट गिरे थे, चाहे पिच जैसी भी रही हो – सपाट हो या आसान – खिलाड़ी दबाव में टिके रहे और मैच को ड्रॉ कराने में सफल रहे,” गावस्कर ने कहा।

हालांकि, गावस्कर ने इंग्लैंड की रणनीति पर भी उंगली उठाई। उन्होंने पूछा कि जब इंग्लैंड का स्कोर 600 के पार चला गया था, तब भी कप्तान बेन स्टोक्स ने पारी घोषित क्यों नहीं की? उन्होंने याद दिलाया कि जब भारत ने बर्मिंघम में इंग्लैंड को 600 से ज्यादा का लक्ष्य दिया था, तब कुछ इंग्लिश खिलाड़ियों ने कहा था कि “भारत डर गया था, इसलिए बड़ा स्कोर खड़ा किया।” उस वक्त इंग्लैंड ने कहा था कि वो 600 का पीछा कर सकते हैं। लेकिन अब जब मौका आया, तो खुद इंग्लैंड की टीम 336 रन पीछे रह गई।

गावस्कर का कहना था कि उस समय जो बयान दिए गए थे, वो सिर्फ बड़े बोल थे, असल में मैदान पर वैसा कुछ नहीं दिखा। उन्होंने टीम इंडिया की मानसिक मजबूती की तारीफ करते हुए कहा कि खिलाड़ियों ने मुश्किल हालात में भी हार नहीं मानी और मैदान पर डटे रहे।

गावस्कर ने कप्तान शुभमन गिल को भी एक संदेश देते हुए कहा कि उन्हें स्टोक्स से यह पूछना चाहिए था – “आप 240 या 250 की लीड से खुश क्यों नहीं थे? 311 तक क्यों ले गए? जब आपने सेंचुरी बना ली थी, तो क्या आपको अपने गेंदबाज़ों को ज्यादा समय नहीं देना चाहिए था?”

गावस्कर ने आगे कहा, “मैं जानता हूं कि शुभमन गिल ये सवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं पूछेंगे, क्योंकि वह एक बहुत शांत स्वभाव के इंसान हैं। लेकिन अगर मैं वहां होता, तो जरूर पूछता।”

इस पूरे मामले ने साफ कर दिया है कि सिर्फ स्कोर नहीं, बल्कि रणनीति और मानसिक मजबूती भी टेस्ट क्रिकेट में बड़ा रोल निभाती है। भारत ने न सिर्फ इंग्लैंड की सोच को चुनौती दी, बल्कि मैदान पर अपनी पकड़ और हौसले का भी दमदार प्रदर्शन किया।