Siraj को बताया जोश का सुलतान Source : Social Media
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Sachin Tendulkar ने की Shubman Gill की जमकर तारीफ, Siraj को बताया जोश का सुलतान

Siraj को बताया जोश का सुलतान

Juhi Singh

टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की रोमांचक सीरीज को 2-2 से बराबरी पर खत्म कर न सिर्फ आलोचकों को चौंकाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों की गैरमौजूदगी में भी यह टीम किसी से कम नहीं। कप्तान शुभमन गिल की परिपक्व कप्तानी और शानदार बल्लेबाजी ने सभी का दिल जीत लिया। खुद भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने गिल की जमकर सराहना की है। शुभमन गिल ने इस सीरीज में 754 रन ठोककर इंग्लैंड के खिलाफ रनों की झड़ी लगा दी। उन्होंने 10 पारियों में 4 शानदार शतक जड़े और कई बार टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला। हालांकि वो सुनील गावस्कर के 774 रनों के रिकॉर्ड को तो नहीं तोड़ पाए, लेकिन बतौर कप्तान 732 रन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। अब वो सर डॉन ब्रैडमेन (810 रन) के बाद किसी द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले कप्तानों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं।

सचिन तेंदुलकर ने गिल की सोच, तकनीक और मैदान पर उनकी शांत मौजूदगी की खासतौर पर तारीफ की। उन्होंने कहा कि गिल की बैटिंग में सोच की स्पष्टता थी, जो उनके फुटवर्क और शॉट चयन में साफ नजर आई। “अच्छी बल्लेबाज़ी के लिए दिमाग में स्पष्टता और रणनीति होना बहुत ज़रूरी होता है, और गिल ने यह बखूबी दिखाया,” सचिन ने कहा। इंग्लैंड की आक्रामक बैजबॉल रणनीति को मात देना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन शुभमन गिल ने संयम और रणनीति से इसे बेअसर किया। सचिन का मानना है कि गिल ने न केवल बल्ले से बल्कि कप्तानी में भी इंग्लैंड की आक्रमकता को काबू में रखा। भारतीय गेंदबाजों की योजनाएं इतनी सटीक थीं कि इंग्लैंड के बल्लेबाज़ कई बार अपनी लय से भटकते नजर आए।

सिर्फ कप्तान ही नहीं, टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज भी इस सीरीज में खास चमके। उन्होंने 23 विकेट लेकर इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी की कमर तोड़ दी। सचिन ने सिराज की तारीफ करते हुए कहा, “मुझे उनका रवैया बहुत पसंद आया। वो चाहे पांच विकेट लें या एक भी नहीं, उनका जोश मैदान पर हमेशा एक जैसा रहता है। सिराज ने कठिन परिस्थितियों में विकेट चटकाकर टीम को बार-बार वापसी दिलाई और गिल की कप्तानी को मजबूती दी। सचिन ने माना कि कप्तानी का असली मूल्यांकन तब होता है जब गेंदबाज़ आपकी योजनाओं पर कितना खरे उतरते हैं। कभी-कभी गेंदबाज जब प्रयोग करने लगते हैं तो कप्तान को लगने लगता है कि फील्डिंग में कमी है। लेकिन शुभमन गिल ने इस दबाव को अच्छे से संभाला। बता दें भारत और इंग्लैंड के बीच यह टेस्ट सीरीज पहली बार एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के नाम से खेली गई और इसका अंत रोमांचक ड्रॉ के साथ हुआ।