Joe Root Image Source: Social media
Cricket

Joe Root के सचिन के World Record के करीब पहुंचने पर Sachin Tendulkar ने तोड़ी चुप्पी

जो रूट की तारीफ और पुजारा को भावुक विदाई

Anjali Maikhuri

भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट को लेकर अपनी राय रखी। जो रूट टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में अब दूसरे नंबर पर आ गए हैं। उन्होंने अब तक 13,543 रन बना लिए हैं, और अब वो सिर्फ 2378 रन दूर हैं सचिन के वर्ल्ड रिकॉर्ड से, जो कि 15,921 रन है। सचिन से जब Reddit के एक Ask Me Anything सेशन में पूछा गया – “What was your first impression of Joe Root? Also, he has now crossed 13,000 Test runs and is second only to you, and he played his 1st match against you”, तो उन्होंने बड़ी विनम्रता से जवाब दिया। सचिन ने कहा, "To have gone past 13000 runs is a remarkable achievement, and he's still going strong. When I saw him for the first time in Nagpur in 2012 during his debut Test, I told my teammates that they were watching the future captain of England. What impressed me most was the way he was able to assess the wicket and how he rotated the strike. I knew at that very moment that he would be a big player." इस जवाब से साफ झलकता है कि सचिन को शुरू से ही जो रूट की बल्लेबाज़ी में कुछ खास नजर आया था। 2012 में नागपुर टेस्ट के दौरान जो रूट का डेब्यू हुआ था, और तभी सचिन ने अपने साथियों से कह दिया था कि ये इंग्लैंड का भविष्य का कप्तान है। रूट जिस तरह से विकेट को पढ़ रहे थे और स्ट्राइक रोटेट कर रहे थे, वह उन्हें बेहद पसंद आया। सचिन का ये मानना है कि रूट का अब तक का सफर शानदार रहा है और वह अभी भी मजबूत तरीके से खेल रहे हैं। अगर वो ऐसे ही प्रदर्शन करते रहे तो शायद सचिन का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं। इसके अलावा, हाल ही में चेतेश्वर पुजारा के इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की खबर आई। पुजारा ने 15 साल लंबे करियर में भारत के लिए 103 टेस्ट और 5 वनडे खेले। दो साल से वो टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे, लेकिन जब उन्होंने आधिकारिक रूप से रिटायरमेंट का ऐलान किया, तो सचिन तेंदुलकर ने भी उन्हें खास शब्दों में विदाई दी। सचिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पुजारा के लिए लिखा, "Pujara, it was always reassuring to see you walk out at No.3. You brought calm, courage, and a deep love for Test cricket every time you played. Your solid technique, patience, and composure under pressure have been a pillar for the team." पुजारा को हमेशा एक क्लासिकल टेस्ट बल्लेबाज के रूप में जाना गया, जिन्होंने शॉर्टकट के बजाय धैर्य और तकनीक को चुना।

खासकर जब टीम दबाव में होती थी, तब वो डटे रहते थे और गेंदबाजों को थकाकर रन बटोरते थे। उनके करियर की सबसे यादगार सीरीज़ 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रही। उस सीरीज़ में उन्होंने 1258 गेंदों का सामना किया और 521 रन बनाए, जो उस सीरीज़ में सबसे ज़्यादा थे। उन्होंने पहला टेस्ट शतक तब लगाया जब भारत की हालत 19/3 पर थी। वो पारी न सिर्फ भारत के लिए ज़रूरी थी बल्कि पूरी सीरीज़ के रुख को बदलने वाली साबित हुई। सचिन ने उनके इस प्रदर्शन को याद करते हुए कहा, "Out of many, the 2018 series win in Australia stands out, it wouldn't have been possible without your incredible resilience and match-winning runs. Congratulations on a wonderful career. Good luck for the next chapter. Enjoy your second innings!" सचिन के इन शब्दों से साफ पता चलता है कि वो पुजारा को सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट की नींव मानते हैं। उन्होंने उन्हें ‘टीम का पिलर’ कहा और उनके संयम और हिम्मत की तारीफ की। एक तरफ सचिन ने जो रूट की मेहनत को पहचाना और भविष्य की ओर इशारा किया, वहीं पुजारा के संन्यास पर उन्होंने दिल से भावुक होकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। सचिन का यही अंदाज़ उन्हें सबसे अलग बनाता है—वो न सिर्फ खुद महान खिलाड़ी रहे, बल्कि दूसरों की मेहनत और योगदान को भी खुले दिल से सराहते हैं।