Virat Kohli Image Source: Social Media
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विराट कोहली के टेस्ट संन्यास पर कोच का खुलासा, क्या दबाव में लिया फैसला?

कोहली के अचानक संन्यास की वजह पर कोच की शंका

Darshna Khudania

विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास ने क्रिकेट जगत में सनसनी फैला दी है। दिल्ली रणजी कोच सरनदीप सिंह के बयान ने इस फैसले पर संदेह जताया है, जिससे बाहरी दबाव की संभावना दिखती है। कोहली ने इंग्लैंड दौरे की तैयारी की थी, जिससे उनके संन्यास के समय और कारण पर सवाल उठते हैं।

12 मई को भारतीय बल्लेबाज़ विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर पुरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया था। हालांकि, कई लोगों का मानना था की यह उनका व्यक्तिगत निर्णय था, लेकिन दिल्ली रणजी ट्रॉफी कोच के हालिया बयान ने काफी संदेह पैदा कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि हो सकता है की कुछ बाहरी ताकतों ने कोहली को टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास लेने के लिए प्रेरित किया है।

दिल्ली के रणजी कोच सरनदीप सिंह ने खुलासा किया की कोहली ने इस फॉर्मेट से रिटायर होने से कुछ हफ्ते पहले ही आगामी इंग्लैंड सीरीज के लिए अपनी योजनाएँ साझा की थी। सरनदीप सिंह ने कहा, "उन्होंने इंग्लैंड में इंडिया ए के दो मैच खेलने की बात कई। मैं इंग्लैंड सीरीज में 3-4 शतक लगाना चाहता हूँ, जैसा की मैंने 2018 में किया था उन्होंने मुझसे कहा की मैं इंडिया ए के लिए दो मैच खेलूंगा और फिर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट की तैयारी करूँगा।"

इससे इस निर्णय के पीछे के समय और तर्क पर सवाल उठता है, खासकर तब जब यह संकेत देता है की कोहली न केवल मानसिक रूप से बल्कि रणनीतिक रूप से भी इंग्लैंड दौरे की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने कहा, "वह पहले से ही अपनी योजनाओं के बारे में तय थे। लेकिन अचानक, उनके टेस्ट से संन्यास लेने की खबर चौंकाने वाली है। क्यूंकि फिटनेस या फॉर्म का कोई मुद्दा नहीं है।"

Virat Kohli

इस साल की शुरुआत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तुरंत बाद कोहली रणजी ट्रॉफी में रेलवे के खिलाफ दिल्ली के लिए खेलते दिखे थे। उनके जैसे बड़े खिलाड़ी का घरेलु क्रिकेट में भाग लेना असामान्य है , जब तक कोई लक्षित उदेश्य न हो। अब ऐसा लगता है की यह मैच इंग्लिश परिस्थियों के लिए तैयार होने की एक बड़ी योजना का हिस्सा हो सकता है, खासकर रेड-बॉल की तकनीक पर उनके गहन ध्यान को देखते हुए। 

भारतीय क्रिकेट में विराट कोहली का कद बेजोड़ है। उन्होंने देश के सबसे सफल टेस्ट कप्तान और सभी फॉर्मेट में पीढ़ी दर पीढ़ी के बल्लेबाज़ के रूप में अद्भुत जूनून, आक्रामकता और उत्कृष्टता की निरंतर खोज ने अमिट छाप छोड़ी है। उनके दृष्टिकोण ने विदेशी टेस्ट मुकाबलों में भारतीय टीम के प्रदर्शन को फिर से परिभाषित करने में मदद की है।