भारतीय टेस्ट क्रिकेट की मज़बूत दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने आखिरकार इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। सोशल मीडिया पर लंबा और भावुक संदेश लिखकर उन्होंने बताया कि भारतीय जर्सी पहनना उनके लिए गर्व की बात रही और अब उन्होंने अपने करियर का यह अध्याय खत्म करने का फैसला लिया है। पुजारा ने पोस्ट में लिखा कि कैसे राजकोट जैसे छोटे शहर से निकलकर उन्होंने भारतीय टीम का हिस्सा बनने का सपना देखा। “भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और मैदान पर देश के लिए खेलना मेरे जीवन का सबसे बड़ा गौरव रहा है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट ने उन्हें अनमोल अनुभव, उद्देश्य, प्यार और अपने राज्य व देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया।
चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए 103 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 7,195 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी सबसे बड़ी ताकत थी धैर्य और लंबी पारियां खेलना, जिसकी वजह से उन्हें भारत का ‘वॉल ऑफ इंडिया’ कहा जाने लगा। 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक सीरीज़ जीत में पुजारा का योगदान सबसे अहम रहा। उन्होंने उस सीरीज़ में 521 रन बनाए और प्लेयर ऑफ द सीरीज़ चुने गए। पुजारा ने बीसीसीआई, सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन, अपने सभी साथियों, कोचों और फैंस का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने लिखा कि उनकी सफलता उनके परिवार के त्याग और फैन्स के प्यार के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने कहा “मेरे माता-पिता, पत्नी पूजा, बेटी अदिति और पूरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया। अब मैं अपने जीवन के अगले चरण में उनके साथ ज्यादा समय बिताना चाहता हूं।
चेतेश्वर पुजारा की उपलब्धियों में 100 टेस्ट मैच खेलना, प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 21,000 से अधिक रन बनाना और 66 शतक लगाना, 2006 अंडर-19 विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट बनना और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की विदेश जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना शामिल है. उन्हें अपनी पीढ़ी का सर्वश्रेष्ठ डिफेंसिव बल्लेबाज माना जाता है और वे टेस्ट क्रिकेट में राहुल द्रविड़ के समान खेल शैली के लिए जाने जाते हैं.