Jasprit Bumrah  Image Source: Social Media
Cricket

Irfan pathan ने बुमराह की 'pick and choose' स्टाइल पर उठाए सवाल

क्या Workload Management है बहाना?

Anjali Maikhuri

हाल ही में खत्म हुई भारत और इंग्लैंड की टेस्ट सीरीज़ को लेकर एक नई चर्चा शुरू हो गई है। इस बार ये चर्चा बॉलिंग या बल्लेबाज़ी से ज़्यादा, जसप्रीत बुमराह के खेलने के तरीके और उनकी प्लेइंग अप्रोच को लेकर है। भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने बुमराह की 'pick and choose' स्टाइल को लेकर अपनी नाराज़गी जाहिर की है।

बीसीसीआई ने पहले ही साफ कर दिया था कि बुमराह इस पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में सभी मैच नहीं खेलेंगे। उनका वर्कलोड मैनेजमेंट देखते हुए सिर्फ़ तीन टेस्ट खेलने की प्लानिंग थी। लेकिन जब भारत 1-2 से पीछे चल रहा था और आखिरी मैच बहुत ज़रूरी था, तब भी उन्हें आराम दे दिया गया। इसी बात को लेकर इरफान पठान ने सवाल उठाए।

YouTube पर बात करते हुए इरफान ने कहा:

“There were moments, like when a sixth over was needed. I spoke about this during commentary as well. Joe Root had been dismissed by him 11 times, and in that Lord's Test, Bumrah bowled five overs. Just one more over, the sixth, could have pushed harder. I felt he held back a little there. There was also some pick-and-choose, which I've always been against, and that was visible too.”

इरफान के मुताबिक, लॉर्ड्स टेस्ट में एक खास समय ऐसा था जब बुमराह को और कोशिश करनी चाहिए थी। उन्होंने जो रूट के खिलाफ केवल पांच ओवर फेंके, जबकि वो पहले भी रूट को 11 बार आउट कर चुके हैं। ऐसे में अगर वो छठा ओवर डालते, तो शायद नतीजा कुछ और हो सकता था। इरफान को लगता है कि बुमराह ने खुद को थोड़ा पीछे खींचा।

इरफान ने ये भी कहा कि बुमराह का परफॉर्मेंस कुछ मौकों पर अच्छा था, लेकिन उन्होंने टीम की उम्मीदों के हिसाब से नहीं खेला।

“Bumrah will get six out of ten. Why? The reason is that when you're a senior player, there is a lot of responsibility on you to win matches. He played in three Tests, and India didn't win any of them.”

उनका कहना है कि जब आप टीम के सीनियर खिलाड़ी होते हो, तो आपसे मैच जिताने की उम्मीद की जाती है। उन्होंने जो तीन टेस्ट खेले, उनमें से भारत कोई भी मैच नहीं जीत पाया। इस वजह से उनका योगदान सवालों के घेरे में आता है।

इरफान ने पहले टेस्ट की बात करते हुए कहा कि उस मैच में बुमराह ने पहली पारी में 5 विकेट लिए, लेकिन दूसरी पारी में वो एक भी विकेट नहीं निकाल पाए।

“Let's go back to the first Test. He took five wickets in the first innings but didn't get a single wicket in the second innings. At that crucial time, when your main match-winner is expected to step up and win the game, it's up to him to find a way, whether it's over the wicket, around the wicket, yorkers, slower balls, bouncers, to create pressure. In the Leeds Test, we didn't see that pressure being built. England ended up scoring heavily, and Bumrah didn't take a single wicket, which was a bit surprising. And this didn't happen just once,” उन्होंने आगे कहा।

इरफान का मानना है कि जब आप टीम के मेंटोर या सीनियर मेंबर हो, तो मैदान पर आपका हर एक्शन मायने रखता है। सिर्फ एक-दो अच्छा स्पेल काफी नहीं होता, बल्कि हर उस वक्त जब टीम को जरूरत हो, तब लीड करना ज़रूरी होता है। खासकर इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ, जहां दबाव में ही मैच पलट जाते हैं।

उन्होंने कहा कि लीड्स टेस्ट में बुमराह से उम्मीद थी कि वो इंग्लिश बैटर्स पर प्रेशर बनाएँगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। ना तो बाउंसर, ना यॉर्कर, ना ही टाइट लाइन लेंथ से कोई असर पड़ा और इंग्लैंड ने बड़े रन बना लिए।

इरफान की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। कुछ लोग उनके साथ सहमत हैं, जबकि कुछ का मानना है कि बुमराह को लेकर आलोचना करना गलत है क्योंकि वो वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत खेल रहे थे। लेकिन एक बात साफ है कि बुमराह जैसे खिलाड़ी से टीम को उम्मीदें बहुत ज़्यादा होती हैं, और जब वो मैदान पर हों, तो हर गेंद मायने रखती है।

अब देखना ये होगा कि बुमराह आगे क्या जवाब देते हैं या इस विवाद पर कोई रिएक्शन आता है या नहीं।