SuryaKumar Yadav  Image Source: Social Media
Cricket

पूर्व Pakistani खिलाड़ी ने Handshake Controversy को लेकर Jay Shah पर उठाए सवाल

क्या हैंडशेक से बचकर कोई हीरो बन जाएगा?

Anjali Maikhuri

Asia Cup 2025 का भारत-पाकिस्तान ग्रुप ए मुकाबला दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में रविवार को खेला गया, लेकिन मैच के अंत में जो हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया। भारतीय टीम के कप्तान सुर्यकुमार यादव ने जैसे ही विनिंग सिक्स मारा, वो और बल्लेबाज शिवम दुबे मैदान से सीधे बाहर चले गए। खास बात ये रही कि मैच के बाद आमतौर पर होने वाला हैंडशेक नहीं हुआ। ना ही भारतीय खिलाड़ियों की तरफ से कोई पहल हुई और ना ही पाकिस्तानी खिलाड़ियों की ओर से।

यह चुप्पी सिर्फ मैच के अंत तक सीमित नहीं थी, बल्कि टॉस के वक्त भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जब सुर्यकुमार यादव और पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा ने भी हैंडशेक नहीं किया।

पाकिस्तानी कोच और पूर्व खिलाड़ी ने जताई नाराज़गी

मैच के बाद पाकिस्तान के हेड कोच माइक हेसन ने इस व्यवहार को लेकर नाराज़गी जताई। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान टीम की ओर से हाथ मिलाने की कोशिश की गई थी लेकिन भारतीय खेमे ने मना कर दिया।

इस पर पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर Basit Ali ने भी अपनी नाराज़गी जताई और कहा,

“ये एशिया कप है। अगर यही चीज़ वर्ल्ड कप जैसे ICC इवेंट में होती है, तो फिर ICC हेड क्या करेंगे? क्योंकि वो भी एक भारतीय हैं – जय शाह। क्या हैंडशेक से बचकर कोई हीरो बन जाएगा? नहीं। जो लोग क्रिकेट समझते हैं, लिखते हैं, वो कभी भी ऐसी चीज़ों को पसंद नहीं करेंगे। सिर्फ पाकिस्तानी ही नहीं, ऑस्ट्रेलियाई या इंग्लैंड के लोग भी इस व्यवहार को पसंद नहीं करेंगे।”

उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा खड़ी कर दी।

भारतीय टीम की जीत के बाद कप्तान सुर्यकुमार यादव ने इस फैसले पर सफाई दी। उन्होंने साफ तौर पर कहा,

Basit Ali

“मुझे लगता है कि कुछ चीज़ें खेल भावना से ऊपर होती हैं। मैंने ये बात प्रेजेंटेशन में भी कही थी। हम पहलगाम आतंकी हमले के सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ खड़े हैं। हमने ये जीत उन सभी बहादुर जवानों को समर्पित की है, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हिस्सा लिया। वे हमें हमेशा प्रेरणा देते हैं, और अगर कभी मौका मिले, तो हम भी उन्हें प्रेरित करने की कोशिश करेंगे।”

भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय राजनीतिक तनाव काफी ज्यादा है, खासकर पहलगाम हमले और अप्रैल-मई 2025 में हुई सीमा पर झड़पों के बाद। ऐसे में सुर्यकुमार का यह बयान कई लोगों को समझ भी आया, जबकि कुछ ने इस पर अपनी नाराज़गी भी जाहिर की।