जोस बटलर Image Source: Social Media
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‘परिवार का साथ क्रिकेट पर असर नहीं डालता’, BCCI की नई गाइडलाइंस पर जोस बटलर की प्रतिक्रिया

परिवार के साथ रहने के नियम पर बटलर ने दी अपनी राय

Nishant Poonia

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनमें परिवार के साथ यात्रा करने को लेकर कड़े नियम बनाए गए हैं। इस पर इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने अपनी राय रखते हुए कहा कि खिलाड़ियों के साथ उनके परिवार का होना कोई बड़ी समस्या नहीं है और इसे आसानी से मैनेज किया जा सकता है।

बटलर का बयान

कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले जाने वाले पहले T20 मुकाबले से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब जोस बटलर से इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,

“मुझे लगता है कि आज की मॉर्डन क्रिकेट में खिलाड़ियों के साथ उनका परिवार रहना एक सामान्य बात है। इससे क्रिकेट पर कोई खास असर नहीं पड़ता और यह पूरी तरह से मैनेज किया जा सकता है।”

भारतीय क्रिकेट

BCCI की नई गाइडलाइंस क्या हैं?

BCCI ने 16 जनवरी को खिलाड़ियों के लिए 10 नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा खिलाड़ियों के परिवार को लेकर बनाए गए नियमों की हो रही है। नए नियमों के अनुसार:

• खिलाड़ी अपने परिवार (पत्नी और बच्चों) को सिर्फ 14 दिनों तक साथ रख सकते हैं।

• यह नियम सिर्फ 45 दिनों से अधिक लंबे दौरे पर लागू होगा।

• खिलाड़ियों के व्यक्तिगत स्टाफ और स्पॉन्सरशिप एक्टिविटीज पर भी सीमाएं लगाई गई हैं।

कोविड के बाद बदला नियम

पिछले कुछ सालों में, खासकर कोविड-19 के समय, खिलाड़ियों को पूरे दौरे में अपने परिवार को साथ रखने की अनुमति थी। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ खिलाड़ी अनौपचारिक टीम मीटिंग्स और प्लानिंग सेशंस में शामिल नहीं हो पा रहे थे क्योंकि वे अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिता रहे थे। शायद इसी वजह से BCCI ने इस पर नए नियम लागू किए हैं।

भारत और इंग्लैंड

भारत और इंग्लैंड की सीरीज़ पर फोकस

भारत और इंग्लैंड के बीच व्हाइट-बॉल सीरीज़ 17 जनवरी से शुरू हो रही है। इसमें 5 टी20 और 3 वनडे मैच खेले जाएंगे। यह सीरीज़ दोनों टीमों के लिए काफी अहम होगी क्योंकि इसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पर सभी की नजरें होंगी।

BCCI के इन नए नियमों को लेकर खिलाड़ियों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां कुछ इसे टीम अनुशासन के लिए जरूरी मान रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि यह नियम जरूरत से ज्यादा सख्त हैं।