Jasprit Bumrah  Image Source: Social Media
Cricket

ENG vs IND Series से पहले England के कप्तान 'हम Bumrah से नहीं डरते...'

स्टोक्स बोले: बुमराह अकेले सीरीज़ नहीं जिता सकते

Anjali Maikhuri

भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ से पहले दोनों टीमों के बीच जुबानी जंग तेज़ हो गई है। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने साफ़ कर दिया है कि उनकी टीम को जसप्रीत बुमराह जैसे तेज़ गेंदबाज़ से डर नहीं लगता।स्टोक्स का कहना है कि बुमराह भले ही एक बेहतरीन गेंदबाज़ हैं, लेकिन वो अकेले दम पर पूरी सीरीज़ नहीं जिता सकते। उनके मुताबिक, इंटरनेशनल क्रिकेट में हर मैच में खिलाड़ियों को टॉप क्लास विपक्षी टीमों का सामना करना पड़ता है, और ऐसे में डर जैसी कोई चीज़ नहीं होती।

स्टोक्स ने कहा, “बुमराह के टैलेंट पर किसी को शक नहीं है। वो वर्ल्ड क्लास बॉलर हैं और किसी भी टीम को मजबूत बना सकते हैं। लेकिन हम उन्हें देखकर डरने वाले नहीं हैं। एक खिलाड़ी अकेले पूरी सीरीज़ नहीं जिता सकता, इसके लिए टीम के सारे 11 खिलाड़ियों को परफॉर्म करना होता है।”इसी बीच इंग्लैंड के सीनियर बल्लेबाज़ जो रूट ने भी एक भावुक बयान दिया है। रूट ने कहा है कि कप्तानी छोड़ने के बाद अब उनका फोकस स्टोक्स को सपोर्ट करने पर है, जैसे पहले स्टोक्स ने उनके समय में साथ दिया था।

Ben Stokes

रूट, जो पहले इंग्लैंड के कप्तान रह चुके हैं (2017 से 2022 तक), अब स्टोक्स की टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि कप्तानी छोड़ने के बाद वापस टीम में बतौर प्लेयर शामिल होना थोड़ा अजीब था, लेकिन उन्होंने कोशिश की कि वो स्टोक्स की लीडरशिप को पूरी तरह सपोर्ट करें।रूट ने कहा, “बेन ने मेरी कप्तानी के दौरान काफी साथ दिया था। अब समय है कि मैं भी उन्हें कुछ लौटाऊं। मेरा तरीका है कि मैं ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाऊं ताकि टीम को जीत दिला सकूं।”

कप्तानी छोड़ने के बाद भी जो रूट का बल्ला खूब चला है। पिछले तीन सालों में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 3,100 से ज़्यादा रन बनाए हैं, और इस दौरान उनका औसत करीब 56 रहा है। रूट का कहना है कि यह उनके करियर का सबसे मजेदार और संतुलित समय चल रहा है।वो मानते हैं कि जब सीनियर खिलाड़ी खुद लीडर को फॉलो करते हैं और परफॉर्म करते हैं, तो नई टीम के लिए एक मज़बूत संदेश जाता है।भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ से पहले ही माहौल गर्म है। जहां एक ओर स्टोक्स आत्मविश्वास से भरे हैं कि उनकी टीम किसी से नहीं डरती, वहीं रूट जैसे खिलाड़ी अपने कप्तान के लिए नई भूमिका निभा रहे हैं। अब देखना ये होगा कि मैदान पर कौन किस पर भारी पड़ता है — बुमराह की गेंदें या इंग्लैंड का आत्मविश्वास।