Morne Morkel Image Source: Social Media
Cricket

ENG vs IND: Morne Morkel का England को अल्टीमेटम, हमारी लेंथ बॉलिंग से नहीं बच पाओगे!

मोर्कल की चेतावनी: इंग्लैंड के लिए मुश्किल होगी रन बनाना

Nishant Poonia

भारत के गेंदबाज़ी कोच मॉर्ने मोर्कल ने एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलकर बात की। उन्होंने मोहम्मद सिराज और आकाश दीप की तारीफ की, जिन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को बैकफुट पर धकेला। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि कल यानी मैच के पांचवे दिन भारत की रणनीति पहले जैसी नहीं होगी और इंग्लैंड के लिए रन बनाना आसान नहीं रहेगा।

पहली पारी में शॉर्ट बॉल प्लान पर मोर्कल की सफाई

पहली पारी में जब इंग्लैंड के हैरी ब्रूक और जैमी स्मिथ के बीच बड़ी पार्टनरशिप बन रही थी, तब भारत ने शॉर्ट बॉल की रणनीति अपनाई। हालांकि विकेट स्लो होने की वजह से ये दांव ज्यादा काम नहीं आया। इस पर मोर्कल ने कहा,

“ऐसी पिच पर आपको फील्ड कुछ इस तरह सेट करनी चाहिए कि शॉर्ट बॉल और बाहर निकालने, दोनों ऑप्शन खुले रहें। अगर आप बहुत प्रेडिक्टेबल हो जाते हो तो रन देना आसान हो जाता है।”

मोर्कल ने माना कि शुभमन गिल ने उस वक्त थोड़ा रिस्क लिया, जब इंग्लैंड का स्कोर 80 पर 5 था। उन्होंने कहा,

“उस समय एक और विकेट लेने के लिए दो-तीन ओवर रिस्क लेना गलत नहीं था।”

कल लेंथ बॉलिंग पर होगा पूरा फोकस

मोर्कल ने आगे बताया कि पांचवे दिन गेंद थोड़ी नरम हो जाएगी और तब सही लेंथ पर गेंद डालना ही इंग्लैंड के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा।

“हमने पहली पारी में अपने प्लान से थोड़ा हटकर गेंदबाज़ी की। लेकिन कल पूरा फोकस इसी पर होगा कि लेंथ पर सवाल पूछें। जैसे-जैसे गेंद सॉफ्ट होगी, हिट करना और मुश्किल होगा।”

Rahul, Siraj

इंग्लैंड के 536 रन का टारगेट, मोर्कल बोले- हमें कोई डर नहीं

चौथे दिन के खेल खत्म होने तक इंग्लैंड का स्कोर 72/3 था। आकाश दीप ने बेन डकेट और जो रूट को आउट किया, जबकि सिराज ने साई सुदर्शन को पवेलियन भेजा। अब इंग्लैंड को मैच जीतने के लिए 536 रन और चाहिए।

जब मोर्कल से पूछा गया कि क्या वो इंग्लैंड की ‘बाज़बॉल’ एप्रोच से चिंतित हैं, तो उन्होंने बेबाकी से कहा,

“चिंता? बिलकुल नहीं। अगर कोई टीम पांचवे दिन 500 से ज्यादा रन बना लेती है तो वो जीत डिज़र्व करती है।”

क्या टूटेगा एजबेस्टन का मनहूस रिकॉर्ड?

भारत ने एजबेस्टन में अब तक 7 टेस्ट खेले हैं। इनमें से 6 में हार मिली और एक टेस्ट ड्रॉ रहा। वो ड्रॉ 1986 में हुआ था, जब चेतन शर्मा ने मैच में 10 विकेट लिए थे। उस समय भारत को जीत के लिए 236 रन चाहिए थे और टीम 174/5 तक पहुंच पाई थी।

अब देखना ये होगा कि क्या गिल की युवा ब्रिगेड इस बार इतिहास बदल पाएगी। मोर्कल के मुताबिक गेंदबाज़ी प्लान पूरी तरह सेट है और इंग्लैंड को आसानी से रन नहीं बनाने दिए जाएंगे। पाँचवे दिन भारत की रणनीति साफ है- लेंथ पर अटैक, दबाव में विकेट और एजबेस्टन में जीत का नया चैप्टर लिखना।