ENG vs IND  Image Source: Social media
Cricket

ENG vs IND: दूसरा दिन भारतीय गेंदबाजों के लिए बना Nightmare

क्रॉली और डकेट ने भारतीय अटैक को किया साध, इंग्लैंड की बढ़त

Anjali Maikhuri

ENG vs IND: भारतीय टीम के लिए Manchester test का दूसरा दिन उम्मीदों के उलट निकला। England की ओपनिंग जोड़ी ने जिस तरह से शुरुआत की, उसने भारतीय गेंदबाजों को बैकफुट पर धकेल दिया। जहां एक तरफ भारत ने पहली पारी में 358 रन बनाए, वहीं इंग्लैंड ने दिन खत्म होते-होते सिर्फ दो विकेट खोकर 225 रन बना लिए। ये साफ इशारा है कि मुकाबला अब बराबरी से निकलकर England की पकड़ में जाता दिख रहा है।

सुबह जब इंग्लैंड गेंदबाजी कर रहा था, तब मौसम ठंडा था और आसमान में बादल थे। इससे गेंदबाजों को मदद मिली। लेकिन जैसे ही भारत की बारी आई, सूरज निकल आया और पिच शांत हो गई। ऐसे में गेंदबाजों को न तो स्विंग मिली और न ही सीम मूवमेंट। लेकिन सिर्फ मौसम को दोष देना सही नहीं होगा, क्योंकि भारतीय गेंदबाजों की लाइन, लेंथ और ऊर्जा भी कमजोर नजर आई।

ENG vs IND: Bumrah, Siraj, Thakur और debut करने वाले Anshul Kamboj– किसी ने नहीं छोड़ी छाप ।

बुमराह की गेंदों में न धार थी और न दिशा। उनके स्पेल में वो बात नहीं दिखी जिसकी उनसे उम्मीद होती है। सिराज का रन-अप तो ठीक था लेकिन गेंदों में वह स्पीड और उछाल नहीं था जो बल्लेबाजों को परेशान कर सके।

England की ओपनिंग जोड़ी – ज़ैक क्रॉली और बेन डकेट – ने भारतीय अटैक को पूरी तरह साध लिया। दोनों ने पहले घंटे में गेंदबाजों को खेलने का पूरा समय लिया और धीरे-धीरे रन बनाने की रफ्तार भी बढ़ाई। खास बात यह रही कि दोनों ने खराब गेंदों का पूरा फायदा उठाया और अच्छी गेंदों को सम्मान दिया।

क्रॉली ने एक ओवर में रविंद्र जडेजा को लॉन्ग ऑन के ऊपर से छक्का मारा, जिससे साफ हो गया कि इंग्लैंड रक्षात्मक नहीं खेलने वाला। वहीं डकेट ने ऑफ साइड में लगातार ड्राइव और कट से रन बटोरे। भारत की रणनीति में भी कमी नजर आई — ना सही फील्डिंग सेटअप था, और ना ही गेंदबाज अपनी लाइन पर टिक पाए।

भारत ने भी इंग्लैंड की तरह शॉर्ट गेंदों की रणनीति अपनाने की कोशिश की, लेकिन उसमें नियंत्रण की कमी थी। वहीं डकेट ने उन्हीं गेंदों को नीचे रखकर स्क्वायर और थर्ड मैन की ओर भेजा। भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाज जैसे वॉशिंगटन सुंदर और साई सुदर्शन, स्टोक्स की लेग-साइड ट्रैप में फंस गए, लेकिन डकेट ने वही गेंदें संभलकर खेलीं।

दिन के आखिरी घंटे में भारत को दो सफलताएं मिलीं — क्रॉली स्लिप में आउट हुए और डकेट ने एक खराब शॉट खेलकर कैच थमा दिया। हालांकि ये दोनों विकेट किसी खास गेंदबाजी की वजह से नहीं आए, बल्कि बल्लेबाजों की गलती थी।

जैसे ही खेल खत्म हुआ, कोच गौतम गंभीर और शितांशु कोटक पिच पर पहुंचे और घास और पिच को ध्यान से देखने लगे। उनके चेहरे पर चिंता साफ नजर आ रही थी। इस मैच में भारत को अगर वापसी करनी है, तो गेंदबाजों को अपनी रणनीति और प्रदर्शन दोनों में बदलाव लाना होगा।

कुल मिलाकर, यह दिन England के नाम रहा। भारत के लिए अब चुनौती सिर्फ विकेट लेना नहीं, बल्कि मनोबल भी संभालना है। अगले दिन अगर शुरुआती विकेट जल्दी नहीं मिले, तो England बढ़त बना सकता है।

ENG vs IND: ज़ैक क्रॉली और बेन डकेट ने भारतीय अटैक को पूरी तरह साध लिया।

दोनों ने पहले घंटे में गेंदबाजों को खेलने का पूरा समय लिया और धीरे-धीरे रन बनाने की रफ्तार भी बढ़ाई। खास बात यह रही कि दोनों ने खराब गेंदों का पूरा फायदा उठाया और अच्छी गेंदों को सम्मान दिया।

क्रॉली ने एक ओवर में रविंद्र जडेजा को लॉन्ग ऑन के ऊपर से छक्का मारा, जिससे साफ हो गया कि इंग्लैंड रक्षात्मक नहीं खेलने वाला। वहीं डकेट ने ऑफ साइड में लगातार ड्राइव और कट से रन बटोरे। भारत की रणनीति में भी कमी नजर आई — ना सही फील्डिंग सेटअप था, और ना ही गेंदबाज अपनी लाइन पर टिक पाए।

भारत ने भी इंग्लैंड की तरह शॉर्ट गेंदों की रणनीति अपनाने की कोशिश की, लेकिन उसमें नियंत्रण की कमी थी। वहीं डकेट ने उन्हीं गेंदों को नीचे रखकर स्क्वायर और थर्ड मैन की ओर भेजा। भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाज जैसे वॉशिंगटन सुंदर और साई सुदर्शन, स्टोक्स की लेग-साइड ट्रैप में फंस गए, लेकिन डकेट ने वही गेंदें संभलकर खेलीं।

दिन के आखिरी घंटे में भारत को दो सफलताएं मिलीं — क्रॉली स्लिप में आउट हुए और डकेट ने एक खराब शॉट खेलकर कैच थमा दिया। हालांकि ये दोनों विकेट किसी खास गेंदबाजी की वजह से नहीं आए, बल्कि बल्लेबाजों की गलती थी।

जैसे ही खेल खत्म हुआ, कोच गौतम गंभीर और शितांशु कोटक पिच पर पहुंचे और घास और पिच को ध्यान से देखने लगे। उनके चेहरे पर चिंता साफ नजर आ रही थी। इस मैच में भारत को अगर वापसी करनी है, तो गेंदबाजों को अपनी रणनीति और प्रदर्शन दोनों में बदलाव लाना होगा।

कुल मिलाकर, यह दिन England के नाम रहा। भारत के लिए अब चुनौती सिर्फ विकेट लेना नहीं, बल्कि मनोबल भी संभालना है। अगले दिन अगर शुरुआती विकेट जल्दी नहीं मिले, तो England बढ़त बना सकता है।