एक ऐसा गेंदबाज़ जो भारत के लिए पिछले कुछ सालों में सबसे ज़्यादा खेला, सबसे ज़्यादा ओवर डाले और कई बार अकेले दम पर टीम को मुश्किलों से बाहर निकाला, जिसने टीम इंडिया के लिए पिछले चार सालों में जितना योगदान दिया है, उतना शायद ही किसी और पेसर ने दिया हो लेकिन जब जब उनके प्रदर्शन में थोड़ा गिरावट आती है तो सबसे ज्यादा शिकायतें उसी खिलाड़ी की होती है। गेंदबाज कोई और नहीं मोहम्मद सिराज है।
सिराज ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम 2017 में रखा था, लेकिन असली पहचान उन्हें मिली 2021 में जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट डेब्यू किया। ब्रिसबेन टेस्ट में, टीम के सभी सीनियर पेसर चोटिल थे और सिराज टीम के सबसे सीनियर तेज़ गेंदबाज़ बनकर उतरे। तीसरा ही टेस्ट था उनका, लेकिन उन्होंने 5 विकेट लेकर न सिर्फ टीम इंडिया को जीत दिलाई, बल्कि खुद को साबित भी कर दिया। उसके बाद सिराज रुकने वाले नहीं थे। इंग्लैंड का दौरा आया, फिर साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज, और लगातार घरेलू सीरीज़। हर जगह सिराज ने गेंदबाज़ी की। कभी सफलता मिली, कभी नहीं लेकिन एक बात हमेशा एक जैसी रही, वो थे सिराज की अवेलेबिलिटी। जहां बुमराह और शमी को रोटेशन, इंजरी या ब्रेक मिलते रहे, वहीं सिराज बिना रुके हर सीरीज़ में खेलते रहे।
जनवरी 2023 से जुलाई 2025 तक का आंकड़ा उठाकर देखें तो साफ़ हो जाता है कि सिराज भारत के सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए गए पेसर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने तीनों फॉर्मेट में कुल 57 इंटरनेशनल मैच खेले, 73 पारियों में गेंदबाज़ी की और 683 ओवर से भी ज़्यादा फेंके। इस समय में भारत के किसी भी तेज गेंदबाज़ ने उनसे ज़्यादा गेंदबाज़ी नहीं की। जसप्रीत बुमराह, जिनकी परफॉर्मेंस लाजवाब रही है, उन्होंने 560 ओवर गेंदबाज़ी की। मोहम्मद शमी, जिनका नाम टॉप गेंदबाज़ों में लिया जाता है, वो महज 247 ओवर तक सीमित रहे।
ऑस्ट्रेलिया दौरा याद किया जाए तो टीम इंडिया सीरीज़ 1-3 से हार गई और फोकस गया सिराज के प्रदर्शन पर। जबकि हकीकत ये है कि सिराज ने इस दौरे पर 157 ओवर से ज़्यादा गेंदबाज़ी की यानी वर्कलोड के मामले में पैट कमिंस के बाद दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने 5 टेस्ट में 20 विकेट लिए। हां, उनका औसत बुमराह जितना नहीं रहा, और हां, वो कई मौकों पर शुरुआती विकेट नहीं निकाल पाए, लेकिन उनका प्रदर्शन फेल नहीं कहा जा सकता। खासकर तब जब वो दो साल से लगातार टीम के लिए खेल रहे हों, हर फॉर्मेट में, हर कंडीशन में। सिराज ने सिर्फ खेला ही नहीं, विकेट भी लिए। इस दौर में उन्होंने 104 विकेट चटकाए। हां, ज़्यादातर विकेट वनडे में आए, लेकिन टेस्ट में भी उन्होंने खुद को बार-बार साबित किया। इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज़ इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जब बुमराह टीम का हिस्सा नहीं थे और सबको लग रहा था कि गेंदबाज़ी बिखर जाएगी, तब सिराज ने मोर्चा संभाला। लीड्स में 2 विकेट, लेकिन एजबेस्टन में 6 विकेट लेकर सिराज ने यह प्रूफ कर दिया की वो क्यों भारत के भरोसेमंद गेंदबाज है