भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में मुकाबला सिर्फ बल्ले और गेंद का नहीं था, बल्कि खिलाड़ियों के बीच जुबानी जंग और इमोशंस की भी झलक दिखी। ये टेस्ट एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का तीसरा मुकाबला था, जिसमें इंग्लैंड ने 22 रन से जीत दर्ज कर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली। लेकिन जितनी चर्चा मैच की जीत की हुई, उतनी ही इस मैच के दौरान हुए टकरावों की भी रही।तीसरे दिन के आखिरी ओवरों में जब भारतीय कप्तान शुभमन गिल और इंग्लैंड के ओपनर ज़ैक क्रॉली के बीच कहासुनी हुई, तभी से माहौल गर्म हो गया था। गिल ने क्रॉली की टाइम वेस्टिंग पर ताली बजाकर तंज कसा, जो इंग्लैंड को पसंद नहीं आया। इसके बाद अगले दो दिन दोनों टीमों के बीच काफी तनाव दिखा, और मैच का माहौल पूरी तरह बदल गया।
इंग्लैंड के बल्लेबाज़ हैरी ब्रूक ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उस घटना ने उनकी टीम को एक साथ ला दिया। उन्होंने कहा कि पूरी टीम ने मिलकर यह तय किया कि अब जवाब दिया जाएगा। ब्रूक बोले, “ऐसा लग रहा था जैसे मैदान पर 11 खिलाड़ी दो खिलाड़ियों के खिलाफ खेल रहे हों। ये हमारे लिए मज़ेदार था, थकाने वाला जरूर था, लेकिन जोश भी भर गया।”
तेज गेंदबाज़ ब्रायडन कर्स ने भी इस बारे में बात की। उनका कहना था कि जब भारतीय खिलाड़ी इंग्लिश बैटर्स पर दबाव बना रहे थे, तब पूरी इंग्लैंड टीम ने फैसला किया कि अब पीछे नहीं हटेंगे। चौथे दिन जब मोहम्मद सिराज ने बेन डकेट को आउट करने के बाद गुस्से में रिएक्शन दिया, वो भी एक बड़ा पल था। इसके बाद पांचवें दिन कर्स का रविंद्र जडेजा से रनिंग के दौरान टकरा जाना भी चर्चा में रहा।
कर्स का मानना है कि इस तरह की टक्कर टेस्ट क्रिकेट को और मजेदार बना देती है। उन्होंने कहा, “जब भीड़ हो, दबाव हो और हर खिलाड़ी जीत के लिए अपना सबकुछ दे रहा हो, तो थोड़ी आग ज़रूरी होती है। हां, एक लिमिट होनी चाहिए, लेकिन टीम के लिए लड़ना भी ज़रूरी है।”
कर्स को अपने उस स्पेल पर खास गर्व है जब उन्होंने चौथे दिन करुण नायर और शुभमन गिल को आउट कर भारत को बैकफुट पर धकेला। उन्होंने कहा, “उस वक्त माहौल बहुत जबरदस्त था। मुझे लग रहा था कि मैं कुछ खास कर सकता हूँ, और उसी जोश में मैं गेंदबाज़ी कर रहा था।”
इस तरह, लॉर्ड्स का टेस्ट सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि जज़्बात, टकराव और टीम स्पिरिट की एक झलक भी था। अब सबकी नजरें मैनचेस्टर में होने वाले चौथे टेस्ट पर हैं, जहां भारत के पास वापसी करने का आखिरी बड़ा मौका होगा।