एशिया कप 2025 शुरू होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन इसी बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। टीम इंडिया का मौजूदा टाइटल स्पॉन्सर ड्रीम-11 अब भारतीय जर्सी पर नजर नहीं आएगा। ड्रीम-11 और BCCI के बीच यह डील 2023 में हुई थी, जो तीन साल (2026 तक) चलनी थी। लेकिन हाल ही में ऑनलाइन मनी गेम्स पर बैन लगाने वाले कानून के बाद कंपनी का बिज़नेस बुरी तरह प्रभावित हो गया। इसी कारण कंपनी ने बीच में ही करार खत्म करने का फैसला लिया, और BCCI ने भी साफ कर दिया कि अब वह इस तरह की कंपनियों से कोई नया समझौता नहीं करेगा।
यह फैसला ऐसे समय पर हुआ है जब एशिया कप 2025 की शुरुआत 9 सितंबर से होनी है। अगर जल्दी कोई नया स्पॉन्सर नहीं मिलता तो टीम इंडिया को टूर्नामेंट में बिना किसी टाइटल स्पॉन्सर के उतरना पड़ सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी टोयोटा ने भारतीय टीम को स्पॉन्सर करने में दिलचस्पी दिखाई है। भारत में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के जरिए काम कर रही यह कंपनी पिछले साल 56,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर चुकी है। खास बात यह है कि टोयोटा का क्रिकेट से पुराना रिश्ता है। हाल ही में यह इंग्लैंड क्रिकेट टीम की टाइटल स्पॉन्सर बनी और इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ भी जुड़ चुकी है। इसके अलावा, एक बड़ी फिनटेक कंपनी ने भी भारतीय टीम से जुड़ने की इच्छा जताई है, हालांकि अभी तक उसका नाम सामने नहीं आया है।
अब सबकी निगाहें BCCI पर टिकी हैं। अगर बोर्ड जल्दी कोई नया स्पॉन्सर चुन लेता है तो टीम इंडिया एशिया कप में नई जर्सी के साथ उतरेगी। वरना, यह पहली बार हो सकता है जब भारतीय टीम इतने बड़े टूर्नामेंट में बिना टाइटल स्पॉन्सर मैदान पर उतरे।अगर बोर्ड फैसला लेने में देर करता है, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक असामान्य नजारा होगा। एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में भारतीय टीम को बिना टाइटल स्पॉन्सर के देखना न केवल फैंस को चौंकाएगा, बल्कि यह एक बड़ी मार्केटिंग कमी भी साबित हो सकती है। दुनिया भर में भारतीय क्रिकेट को सबसे मजबूत ब्रांड माना जाता है, ऐसे में बिना स्पॉन्सर के उतरना एक तरह से BCCI की छवि पर भी सवाल खड़े कर सकता है।