Abhishek Sharma  Image Source: Social Media
Cricket

IND vs PAK मुकाबले में Abhishek ने हासिल किया बड़ा मुकाम

Virat kohli के इस बड़े Record को Abhishek Sharma ने छोड़ा पीछे

Anjali Maikhuri

Abhishek Sharma ने Asia Cup 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ एक नया Record बना दिया है । दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मैच में Abhishek Sharma ने दुबई की पिच पर 13 गेंदों में 31 रन बनाकर टीम को तेज शुरुआत दी। इसी के साथ वह पाकिस्तान के खिलाफ T20I मैचों में पावरप्ले के दौरान 30 या उससे ज्यादा रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ बन गए। इससे पहले Virat kohli ने 2022 में इसी मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ 29 रन बनाए थे।

T20I में PowerPlay के दौरान 30 या उससे ज्यादा रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ बने Abhishek Sharma

Abhishek Sharma इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं, उनसे ऊपर पाकिस्तान के नासिर जमशेद (34 रन, 2012) और इमरान नज़ीर (33 रन, 2007) हैं।

Abhishek Sharma फिलहाल दुनिया के नंबर 1 T20I बल्लेबाज़ हैं। उन्होंने अब तक भारत के लिए 18 T20I मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 565 रन बनाए हैं, और उनका स्ट्राइक रेट 193 से ज्यादा है। उनके नाम दो शतक भी दर्ज हैं।

भारत ने इस मैच में सिर्फ बल्लेबाज़ी में ही नहीं बल्कि गेंदबाज़ी और फील्डिंग में भी पाकिस्तान को पूरी तरह से पछाड़ दिया। पहले गेंदबाज़ी में Kuldeep Yadav ने कमाल कर दिया। उन्होंने 4 ओवर में 18 रन देकर 3 विकेट लिए और पाकिस्तान की टीम को सिर्फ 127/9 तक सीमित कर दिया।

बैटिंग में Abhishek Sharma के बाद कप्तान Suryakumar Yadav ने 47 रन की नाबाद पारी खेली। उन्होंने लंबे समय बाद चोट से वापसी की और शानदार फॉर्म में दिखे। उन्होंने एक लंबा छक्का मारकर भारत को 128 रनों का टारगेट आसानी से पार करा दिया।

Match के बाद हुआ Handshake विवाद

जैसे ही भारत ने पाकिस्तान को हराया, सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे सीधे ड्रेसिंग रूम की ओर बढ़ गए। मैच के बाद आम तौर पर होने वाला हैंडशेक इस बार नहीं हुआ, जिससे कई सवाल उठे।

Suryakumar Yadav

पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा का भी पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में कोई ज़िक्र नहीं था, जिससे और भी चर्चा तेज हो गई।

इस पर भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

“I feel a few things in life are ahead of sportsman spirit.”

उनके इस बयान से यह साफ हो गया कि भारत का व्यवहार एक सोच-समझे फैसले का हिस्सा था, जिसे खिलाड़ियों ने निजी और राष्ट्रीय भावनाओं को ध्यान में रखकर अपनाया।