चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी को लेकर विवाद अब खत्म होता नजर आ रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर पूर्व पाकिस्तानी बल्लेबाज बासित अली ने अपने यूट्यूब चैनल पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि आईसीसी, बीसीसीआई और ब्रॉडकास्टर्स के बीच पहले से ही एक समझौता हो चुका है।
हाइब्रिड मॉडल पर सहमति
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हाइब्रिड मॉडल पर सशर्त सहमति दी है। यह टूर्नामेंट 19 फरवरी से 9 मार्च तक पाकिस्तान में आयोजित होगा। बासित अली ने कहा कि इस मॉडल को 2026 टी20 वर्ल्ड कप में भी लागू करने की योजना है, जो भारत में होना है। पीसीबी ने इस शर्त के साथ इसे मंजूरी दी है।
आईसीसी का ‘लॉलीपॉप’ ऑफर
बासित ने कहा कि आईसीसी पाकिस्तान को मनाने के लिए 2027 या 2028 में महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी का प्रस्ताव दे रहा है। उन्होंने कहा, “आईसीसी यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान को दो बड़े टूर्नामेंट मिल रहे हैं। लेकिन असली मकसद यह है कि पाकिस्तान की पुरुष टीम 2026 के वर्ल्ड कप के लिए भारत का दौरा करे और भारतीय महिला टीम भी पाकिस्तान आए। इससे ब्रॉडकास्टर को नुकसान नहीं होगा।”
एशिया कप पर सवाल
बासित ने सुझाव दिया कि पीसीबी को चैंपियंस ट्रॉफी के बदले एशिया कप के अधिकार मांगने चाहिए थे। उन्होंने कहा, “पीसीबी को एशिया कप में 2-3 भारत-पाकिस्तान के मैचों का फायदा लेना चाहिए था। भले ही वह हाइब्रिड मॉडल में होता, लेकिन यह ज्यादा महत्वपूर्ण होता।” उन्होंने यह भी कहा कि भले ही एशिया कप एशियन क्रिकेट काउंसिल की संपत्ति है, लेकिन असली फैसले आईसीसी ही करता है।
बासित का मानना है कि यह आईसीसी की ओर से पीसीबी को ‘लॉलीपॉप’ देने जैसा है। उनका कहना है कि इन वादों से पाकिस्तान क्रिकेट को कोई बड़ा फायदा नहीं होगा। उन्होंने पीसीबी को ज्यादा मजबूत फैसले लेने की सलाह दी।