दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर वियान मुल्डर ने टेस्ट क्रिकेट में एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे भूल पाना मुश्किल है। उन्होंने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में 367 रन की नाबाद पारी खेली, जो न केवल उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी पारी रही, बल्कि टेस्ट क्रिकेट इतिहास की पांचवीं सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी भी बन गई।
334 गेंदों में खेली गई इस पारी में मुल्डर ने 49 चौके और 4 छक्के लगाए। ये स्कोर दक्षिण अफ्रीका की ओर से टेस्ट क्रिकेट में अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। इस पारी के साथ उन्होंने खुद को ब्रायन लारा, मैथ्यू हेडन और महेला जयवर्धने जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल कर लिया है।
ये पारी खास इसलिए भी रही क्योंकि ये दक्षिण अफ्रीका की टीम की पहली सीरीज़ थी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन बनने के बाद। मुल्डर तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने उतरे थे और जब टीम ने जल्दी दो विकेट गंवा दिए थे, तब उन्होंने मोर्चा संभाला। उनकी ये पारी ना सिर्फ लंबी थी, बल्कि तेज़ भी रही। वो टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज़ तिहरा शतक लगाने वाले खिलाड़ियों में दूसरे नंबर पर आ गए हैं। उनसे तेज़ तिहरा शतक सिर्फ वीरेंद्र सहवाग ने लगाया था, जिन्होंने 2008 में 278 गेंदों में ये कारनामा किया था।
मुल्डर ने डेविड बेडिंघम के साथ मिलकर टीम को मज़बूती दी और पहले दिन की शुरुआत में आई मुश्किलों से उबारा। दोनों के बीच हुई साझेदारी ने टीम को एक मजबूत स्कोर तक पहुंचाया और ज़िम्बाब्वे पर दबाव बना दिया। उनकी इस पारी ने ये भी दिखाया कि वो सिर्फ एक ऑलराउंडर नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार बल्लेबाज़ भी हैं जो टीम को मुश्किल वक्त में संभाल सकते हैं।
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने सीरीज़ का पहला टेस्ट मैच बुलावायो में 328 रनों से जीत लिया था और इस जीत के बाद सीरीज़ में 1-0 से बढ़त बना ली थी। अब इस दूसरी टेस्ट में मुल्डर की ऐतिहासिक पारी ने टीम को एक और बड़े स्कोर की ओर पहुंचा दिया है।
मुल्डर का ये प्रदर्शन ना सिर्फ उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि क्रिकेट फैंस के लिए भी लंबे समय तक यादगार रहेगा। उन्होंने एक बार फिर दिखा दिया कि क्रिकेट सिर्फ रन बनाने का खेल नहीं है, बल्कि जज़्बे और हिम्मत का भी नाम है।