South Africa के दिग्गज क्रिकेटर AB de Villiers ने एक बार फिर अपने बल्ले से ऐसा तूफान मचाया कि क्रिकेट प्रेमी चौंक गए। वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स 2025 के आठवें मुकाबले में उन्होंने इंग्लैंड चैंपियंस के खिलाफ सिर्फ 41 गेंदों में जोरदार शतक जड़ दिया। यह मुकाबला लीसेस्टर में खेला गया था, जहाँ AB de Villiers ने दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस के लिए ओपनिंग करते हुए इंग्लिश गेंदबाजों की एक नहीं चलने दी।
मैच में इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 20 ओवर में 152 रन बनाए थे। यह स्कोर चुनौतीपूर्ण जरूर था, लेकिन AB de Villiers की आंधी के सामने कुछ भी टिक नहीं सका। उन्होंने हाशिम अमला के साथ पारी की शुरुआत की और दोनों ने बिना कोई विकेट गंवाए सिर्फ 12 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया। दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस ने यह मुकाबला 10 विकेट से जीत लिया।
AB de Villiers ने इस मैच में कुल 116 रन बनाए, वो भी सिर्फ 51 गेंदों में। उनकी पारी में 15 चौके और 7 बड़े छक्के शामिल थे। उन्होंने सिर्फ 41 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जिससे एक बार फिर उनके आईपीएल के आरसीबी वाले दिनों की याद ताजा हो गई। 41 साल की उम्र में भी डीविलियर्स ने दिखा दिया कि उनमें अब भी वो पुराना दम है।
करीब चार साल बाद मैदान पर लौटे AB de Villiers ने इस टूर्नामेंट के ज़रिए फिर से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में कदम रखा है। इससे पहले वे साल 2021 में आईपीएल में आरसीबी के लिए खेले थे। इतने लंबे ब्रेक के बाद भी उन्होंने दिखा दिया कि क्लास कभी पुराना नहीं होता।
इससे पहले इंग्लैंड चैंपियंस की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 152 रन बनाए थे। टीम के लिए सबसे ज्यादा रन ओपनर फिल मस्टर्ड ने बनाए, जिन्होंने 33 गेंदों में 39 रन की पारी खेली। हालांकि दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाज़ी ने उन्हें खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। वायने पार्नेल और इमरान ताहिर ने 2-2 विकेट चटकाए और इंग्लैंड को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया।
जहाँ डीविलियर्स ने आक्रामक बल्लेबाज़ी की, वहीं दूसरी ओर हाशिम अमला ने संयमित अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करते हुए 29 रन बनाए। उन्होंने अपनी 25 गेंदों की पारी में 4 चौके लगाए और डीविलियर्स का शानदार साथ निभाया। दोनों के बीच 153 रनों की नाबाद साझेदारी हुई, जो टीम के लिए एक आसान जीत का रास्ता बना गई।
मैच के बाद सोशल मीडिया पर एबी डीविलियर्स की इस पारी की जमकर तारीफ हुई। फैंस ने कहा कि यह पारी देखकर लगा ही नहीं कि उन्होंने इतने समय से क्रिकेट नहीं खेला। उनकी टाइमिंग, शॉट सिलेक्शन और मैदान में मौजूदगी सब कुछ शानदार था।
एबी डीविलियर्स की यह पारी सिर्फ एक जीत भर नहीं थी, यह उनके क्रिकेट करियर की फिर से शुरुआत का संकेत भी है। 41 साल की उम्र में भी उन्होंने बता दिया कि अगर जुनून हो, तो उम्र कोई मायने नहीं रखती। इस प्रदर्शन से यह भी साबित हो गया कि वो अभी भी टी20 क्रिकेट के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में गिने जा सकते हैं।
क्रिकेट फैंस अब उम्मीद कर रहे हैं कि डीविलियर्स इस टूर्नामेंट में आगे भी ऐसे ही खेलते रहें और हमें एक बार फिर उनका क्लासिक अंदाज़ देखने को मिलता रहे।