भारत को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में मिली हार के बाद, भारतीय क्रिकेट टीम पर सवाल उठने लगे हैं। टीम इंडिया के फैंस जहां दुखी हैं, वहीं पूर्व क्रिकेटर्स भी भारतीय टीम की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। इसी बीच संजय मांजरेकर ने भी भारतीय टीम को अहम सलाह दी है,
टीम में होने चाहिए स्पेशलिस्ट खिलाड़ी
संजय मांजरेकर ने कहा कि भारतीय टीम धीरे-धीरे स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों से दूर हो रही है, जो टेस्ट क्रिकेट के लिए सही नहीं है। मांजरेकर के मुताबिक, टेस्ट क्रिकेट का इतिहास ये बताता है कि टीम में स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों को जगह देना हमेशा बेहतर रहता है। मांजरेकर ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा, "भारत को अब रुककर अपनी रणनीति पर पुनः विचार करना चाहिए। टीम को स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों और गेंदबाजों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
मांजरेकर को नितीश रेड्डी का सिलेक्शन समझ नहीं आया
मांजरेकर ने एक और अहम मुद्दे पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि ऑल राउंडर्स को ज्यादा तरजीह देने का फैसला भारत के लिए सही नहीं रहा। उन्होंने विशेष रूप से नीतीश कुमार रेड्डी के चयन पर सवाल उठाए। मांजरेकर के अनुसार, "रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर को तो टीम में जगह दी गई थी, और ये समझ में आता है, लेकिन नीतीश रेड्डी का चयन समझ से परे था।" हालांकि, आंकड़े ये बताते हैं कि इन ऑल राउंडर्स में से तीनों का प्रदर्शन बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा रहा। फिर भी, क्या ये पर्याप्त था?
संजय मांजरेकर ने दी रोहित शर्मा को सलाह
अब बात करते हैं कप्तान रोहित शर्मा की। संजय मांजरेकर ने उन्हें भी अहम सलाह दी। उनका कहना था कि राहुल द्रविड़ के समय में टीम में स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों को जगह दी जाती थी। रोहित को भी उसी विजेता मानसिकता को बनाए रखना चाहिए था। कप्तान को टीम चयन में एक मजबूत भूमिका निभानी चाहिए थी। संजय मांजरेकर की ये सलाह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है? क्या स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों की कमी से भारत को नुकसान हो रहा है? और क्या रोहित शर्मा को टीम चयन में ज्यादा सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए? ये सवाल अब क्रिकेट जगत में बहस का हिस्सा बन गए हैं।