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Cricket

If someone is dropped, he is dropped: मांजरेकर ने गंभीर को कसा तंज

Sai Sudarshan की एंट्री और गंभीर की रणनीति पर सवाल

Anjali Maikhuri

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टेस्ट के बाद एक दिलचस्प बहस सामने आई है। टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने एक बयान में कहा कि करुण नायर को टीम से बाहर नहीं किया गया, बल्कि टीम संयोजन को देखते हुए साई सुदर्शन को मौका दिया गया। गंभीर के मुताबिक, इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के खिलाफ नंबर 3 पर एक बाएं हाथ के बल्लेबाज को उतारना ज़्यादा फायदेमंद हो सकता था। इसी कारण साई सुदर्शन को चुना गया।

सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने अंशुल काम्बोज के चयन पर भी बात की। गंभीर ने बताया कि मैच के दिन मौसम बादली था और ऐसे में उन्हें लगा कि अंशुल उन हालात में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

लेकिन गंभीर की इस रणनीति पर पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने आपत्ति जताई। मांजरेकर ने साफ-साफ कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को टीम से बाहर किया गया है, तो वह ‘ड्रॉप’ ही हुआ है। उन्होंने गंभीर के तर्क को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि यह बात कहने भर से सच्चाई नहीं बदल जाती।

मांजरेकर ने आगे यह भी जोड़ा कि गंभीर की रणनीति टेस्ट क्रिकेट में अक्सर कमजोर रही है। उन्होंने कहा कि टीम ने चौथे टेस्ट में ज़रूर अच्छा खेल दिखाया, लेकिन सीरीज में भारत अभी भी 1-2 से पीछे है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत न्यूज़ीलैंड से घर में 3-0 से हार गया था और ऑस्ट्रेलिया में भी बुरी तरह हार मिली थी।

उनके मुताबिक, मौजूदा टीम का जज़्बा खिलाड़ियों की मेहनत और जुझारूपन की वजह से दिख रहा है, कोचिंग की रणनीति की वजह से नहीं। मांजरेकर का मानना है कि कई बार टीम चयन में गंभीर की सोच उलझन भरी रही है।

संजय मांजरेकर ने क्रिकेट में “बाहरी शोर” यानी टीम के बाहर की आलोचना पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि आलोचना करने वाले लोग भी इसी खेल का हिस्सा हैं और देश के लिए ही बोलते हैं। उन्होंने गंभीर से आग्रह किया कि वह थोड़े सहज रहें, आलोचना को खुले दिल से स्वीकारें और कठिन सवालों का सामना करने से न डरें।

इस बहस से साफ है कि टीम के अंदर और बाहर के लोगों के बीच चयन और रणनीति को लेकर मतभेद जारी हैं। असली सवाल यह है कि क्या टीम इंडिया इस मतभेद से ऊपर उठकर आखिरी टेस्ट जीत पाएगी?