गौतम गंभीर यह वो नाम है जिनको भारतीय क्रिकेट के एक महान खिलाड़ीयों में गिना जाता है। जिन्होंने अपनी बैटिंग से कई यादगार पलों को जन्म दिया। लेकिन क्या अब वह भारतीय टीम के कोच के रूप में वही सफलता दोहरा पा रहे हैं? आइए जानते हैं, गौतम गंभीर के कोचिंग करियर की शुरुआत कैसी रही है और क्यों उनके चयन और रणनीतियों पर सवाल उठ रहे हैं। क्रिकेट फैंस से लेकर क्रिकेट एक्सपर्ट्स तक हर कोई अब गंभीर के कोचिंग पर सवाल उठा रहा है।
कैसी रही गौतम गंभीर के कोचिंग करियर की शुरुआत
दरअसल "गंभीर के नेतृत्व में भारतीय टीम को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। श्रीलंका के खिलाफ एक ODI सीरीज हार, न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में 0-3 से हार और ऑस्ट्रेलिया में 1-3 से हार। हालांकि, उनके नेतृत्व में टीम को एक बड़ी जीत भी मिली – श्रीलंका के खिलाफ T20I सीरीज और बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू T20I और टेस्ट सीरीज में। लेकिन गौतम गंभीर की कोचिंग पर सवाल उठाने वालों की कमी नहीं है। हाल ही में भारतीय क्रिकेट के पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद कैफ ने गंभीर की रणनीतियों और चयन पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
अच्छे कोच की पहचान उसकी रणनीति से होती है
कैफ ने कहा, "एक अच्छे कोच की पहचान उसकी रणनीति से होती है। उसे परिस्थितियों के हिसाब से सही टीम चुननी आनी चाहिए। जैसे, ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ किस तरह की टीम बनानी चाहिए, यह कोच का काम है। "कैफ ने यह भी कहा कि गंभीर के लिए खिलाड़ियों के तकनीकी पहलुओं पर काम करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि कोच के पास इतना समय नहीं होता। लेकिन, उन्होंने इस पर भी सवाल उठाया कि क्या गंभीर ने सही रणनीतियों के साथ चयन किया है।"
गंभीर ने अपनी रणनीति में कई गलतियाँ की हैं।
"कैफ के मुताबिक, गंभीर ने अपनी रणनीति में कई गलतियाँ की हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत में रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन को क्यों बाहर किया? इन दोनों खिलाड़ियों के बिना ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेलना, क्या यह सही फैसला था?" कैफ ने यह भी सवाल उठाया कि ध्रुव जुरेल को पहले टेस्ट में क्यों चुना गया और फिर क्यों हटा दिया गया? वहीं, सरफराज खान, जिन्होंने स्पिनिंग ट्रैक पर शानदार प्रदर्शन किया, उन्हें ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट टीम में क्यों शामिल नहीं किया गया?"
चैंपियंस ट्रॉफी के पहले गंभीर पर बढ़ा दबाव
"गंभीर के कोचिंग करियर की शुरुआत उतनी स्मूद नहीं रही है। चैंपियंस ट्रॉफी के पहले उनके ऊपर दबाव बढ़ता जा रहा है। उनके चयन और रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। अब देखना यह होगा कि वह इस दबाव से कैसे निपटते हैं और भारतीय टीम को नए दिशा में ले जाते हैं। "क्या गौतम गंभीर इस दबाव को सहकर भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे? क्या वे अपनी रणनीति में सुधार करेंगे और टीम को जीत दिलाएंगे? यह सवाल समय के साथ ही हल होंगे।"