ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम, जो दो बार की चैंपियंस ट्रॉफी विजेता है, 15 साल के बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब जीतने के लिए एक बार फिर से मैदान में उतरने को तैयार है। 2006 और 2009 में लगातार खिताब जीतने के बाद, ऑस्ट्रेलिया 2013 और 2017 के संस्करणों में फाइनल तक पहुंचने में असफल रहा था। अब, 2025 में, उन्हें ग्रुप बी में इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान के साथ रखा गया है। आइए जानते हैं ऑस्ट्रेलिया के चैंपियंस ट्रॉफी 2025 अभियान के बारे में
एक शुरुआत से पहले का नजरिया
ऑस्ट्रेलिया अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड के खिलाफ 22 फरवरी को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में अपने अभियान की शुरुआत करेगा। चोटों से जूझते हुए, ऑस्ट्रेलिया अपने लीग चरण को बिना किसी नुकसान के खत्म करने और सेमीफाइनल में जगह बनाने की उम्मीद करेगा। लेकिन, यह आसान नहीं होने वाला है क्योंकि टीम के पांच प्रमुख खिलाड़ी इस समय उपलब्ध नहीं हैं। श्रीलंका के खिलाफ हालिया हार ने टीम के आत्मविश्वास को थोड़ा डिगा दिया है, लेकिन उनका इरादा खिताब जीतने का है।
मजबूत बल्लेबाजी और अनुभवी नेतृत्व
ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी इस टूर्नामेंट में एक मजबूत पक्ष है। ट्रैविस हेड, मार्नस लाबुशेन और ग्लेन मैक्सवेल जैसे सफेद गेंद के विशेषज्ञों की मौजूदगी टीम को सशक्त बनाती है। नियमित कप्तान पैट कमिंस की चोट के कारण, स्टीव स्मिथ एक बार फिर टीम की कमान संभाल रहे हैं। उनके नेतृत्व में, ऑस्ट्रेलिया अपने युवा खिलाड़ियों को भी एक बड़ा मौका देगा, जो खुद को साबित करने के लिए उत्सुक हैं। एडम जम्पा जैसे स्पिन गेंदबाज के पास पाकिस्तान की परिस्थितियों का फायदा उठाने का अवसर होगा।
अनुभव की कमी और आक्रमण में असंतुलन
ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख कमजोरी उनके गेंदबाजी आक्रमण में अनुभव की कमी है। पैट कमिंस, जोश हेज़लवुड, मिशेल स्टार्क जैसे प्रमुख तेज गेंदबाजों की अनुपस्थिति ऑस्ट्रेलिया के लिए चुनौती पेश कर सकती है। साथ ही, मिशेल मार्श और मार्कस स्टोइनिस की अनुपस्थिति भी ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजी आक्रमण को कमजोर बना सकती है। इसके बावजूद, युवा गेंदबाजों की टुकड़ी टीम में मौजूद है जो इस खाली स्थान को भरने का प्रयास करेंगे।
युवा खिलाड़ियों का उत्साह और घरेलू संरचना
चोटों से जूझने के बावजूद, ऑस्ट्रेलिया के पास वह युवा खिलाड़ियों की फौज है जो किसी भी समय मैच को पलट सकते हैं। उनके पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो दुनिया के सबसे बड़े टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया का घरेलू ढांचा नियमित रूप से विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को तैयार करता है, और इस बार भी टीम उसी पर विश्वास करके मैदान में उतरेगी।
सही संतुलन और ग्रुप जीतने की चुनौती
ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ा खतरा अनुभवी और युवा खिलाड़ियों के बीच सही संतुलन बनाना है। टीम प्रबंधन के लिए यह एक कठिन कार्य होगा, क्योंकि उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि सभी खिलाड़ी मैदान पर अपनी भूमिका निभा सकें। ग्रुप चरण में इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान जैसी टीमों के खिलाफ जीत हासिल करना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे सेमीफाइनल में प्रवेश का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही हाल में संघर्ष कर रहे हैं, अफगानिस्तान हमेशा एक अप्रत्याशित प्रतिद्वंद्वी हो सकता है।